संवाददाता – एम डी राशिद
वाराणसी। बेटे के लापता होने का मुकदमा दर्ज न होने पर अधिवक्ताओं ने किया जीआरपी थाने का घेराव, की नारेबाजी। कैंट रेलवे स्टेशन के जीआरपी थाने में एक लापता बेटे के मामले में मुकदमा दर्ज न होने पर अधिवक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश देखा गया। अधिवक्ताओं ने जीआरपी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए थाने के बाहर धरना-प्रदर्शन किया।
लगभग 18 दिन पहले आशापुर निवासी अधिवक्ता वीर बहादुर सिंह के बेटे, जो वाराणसी से लखनऊ जाने वाली शटल ट्रेन से अपने टीसी लेने के लिए रवाना हुए थे, वापस घर नहीं लौटे। पीड़ित पिता ने अपने बेटे की तलाश में कैंट रेलवे स्टेशन के जीआरपी थाने में तहरीर दर्ज कराई थी, लेकिन 18 दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुराग न मिलने पर उन्होंने अपने अधिवक्ता साथियों के साथ मिलकर जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
जीआरपी थाने द्वारा मुकदमा दर्ज करने में कथित देरी के विरोध में अधिवक्ताओं ने थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। वीर बहादुर सिंह ने बताया कि जीआरपी ने जांच के बाद सूचना दी थी कि उनका बेटा सुल्तानपुर स्टेशन पर उतरकर बस स्टैंड की ओर गया था। इसके अलावा, 30 जुलाई को उनके पास एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने दावा किया कि वह जम्मू-कटरा से बोल रहा है और उनके बेटे को सुरक्षित रखा गया है।
कॉलर ने 30,000 रुपये की मांग की और कहा कि पैसे मिलने पर बच्चे को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा। हालांकि, जब बच्चे की फोटो मांगी गई, तो कॉलर ने फोन काट दिया। इसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ, जिससे परिवार अनहोनी की आशंका से परेशान है।
अधिवक्ताओं के धरने और नारेबाजी के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया और मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ। पीड़ित पिता ने पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की है ताकि उनके बेटे को सुरक्षित ढूंढा जा सके।